Saturday, January 25, 2020

आभासी व असली दुनिया के फर्क की धुंधलाती रेखाएं



आभासी व असली दुनिया के फर्क की धुंधलाती रेखाएं


एक दशक पहले दुनियाभर के बच्चे टीवी स्क्रीन पर चिपककर कार्टून सीरीज के पात्र एश को पोकेमॉन पकड़ते देखते थे। यही वजह है कि पोकेमॉन शब्द आज नोस्टेल्जिया यानी अतीत मोह की भावना पैदा करता है।

हर्ष गुप्ता, 22

को-फाउंडर, क्रेटिफ, आईआईटी, गांधीनगर

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